About Me

My photo
संकरी सी गली से लोगों के दिल तक पहुचने का रास्ता है ये...अपने आप के बारे में कहना सबसे मुश्किल काम होता है... ये आप सब पर छोडती हूँ...

Friday, 30 January 2015

रात गुजर गई

रात गुजर रही है ...... कमरे की बिखरी चीजें उठाते हुए  
सब कुछ बिखरा है  
तुम्हारे जाने के बाद  
तुम्हारी चहल कदमियां 
घुमती रहती है आँगन में  
सांसों की कुछ सरगोशियाँ हैं
कानो में मेरे  
बिस्तर की सलवटें अकेली हैं  
नाराज है तुमसे  
बातों के ढेर लगे है एक एक को लपेटती हूँ  
और रखती जाती हूँ अलमारी में  
गठरियाँ हैं कुछ  
मुस्कुराहटो की  
अलमारी के ऊपर रख दी है  
कमरे का फर्स ठंठा है  
गीला है आंशुओ से मेरे  
उफ़ ! बालकनी में चाँद भी तो है  
कितना कुछ बिखरा है  
थककर चूर हूँ  
कितनी यादे बगल में लेटी हैं  
नींदे माथे को चूम रही हैं  
रात गुजर गई  
कमरे की बिखरी चीजे उठाते हुए