झील के बीच में
इकटठा किया गारा सारा
अपना एक टापू बनाया
अब इस टापू पर
गुम किसी के इंतज़ार में
डर गयी हूँ
खुद के छूने से ही
दूर तक गहरा पानी
न की नाव
न ही बुलावा कोई
कोई है भी नहीं
आये जो इस जगह मेरे साथ
मेरे इस टापू पर
पानी के बीच
रूह के करीब
खुद को छूने
नहीं आता कोई
झील के बीच
मेरे इस टापू पर