चाँद
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मीलों पसरा ये
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मीलों पसरा ये
नीला रेगिस्तान
यादों की तपन से
तपती ये रात
इस राह में बिछे
ये लाखों करोड़ो अंगारे
धुंधलाती आँखें
सूखा गला
और कोसो दूर
एक कुआं
ठंढे पानी से भरा
मीठा होगा शायद
कुएं के चारो तरफ
शीलन है
दूर से दिखाई पड़ता है
नीले रेगिस्तान में
उसकी शीलन
फ़ैली है
चाँद बहुत दूर है न