सेवइयां खाने का
मन करता है
कब हारे में रखी
हांडी उतरेगी
कब माँ
सेवइयां परोसेगी
घंटे भर से
थाली लिए खड़ी हूँ
पहले धुंआ गहरा था
आँखों में चुभता था
खारा था बहुत
अब हल्का है
झीना है
खुशबू आती है धुंए से
गुर-गुर-गुर की आवाज़ें
आने लगी है माँ
हांडी उतार लो
सेवइयां पक गयी हैं
मन करता है
कब हारे में रखी
हांडी उतरेगी
कब माँ
सेवइयां परोसेगी
घंटे भर से
थाली लिए खड़ी हूँ
पहले धुंआ गहरा था
आँखों में चुभता था
खारा था बहुत
अब हल्का है
झीना है
खुशबू आती है धुंए से
गुर-गुर-गुर की आवाज़ें
आने लगी है माँ
हांडी उतार लो
सेवइयां पक गयी हैं