तितलियों के रंग से
जुगनुओं की चमक से
हसीन
तेरी हंसी है
चाँद सी चंचल
शाम सी कोमल
और रगों में दौड़ती लहू सा
तेज़ है तेरी रूह में
तू है तो
मेरी सुस्त जिंदगी
खिलखिलाती है
तू है तो
संगीत है, मोहब्बत है
वफ़ा भी तुझी से
इश्क भी तू है
रहे इसी तरह
तू मुझमे सदा
जिंदगी में मेरी
हंसती, खेलती, खिलखिलाती
तो शायद मैं जिंदा रहूँ
नहीं तो
जीवन कहाँ है इस देह में
जुगनुओं की चमक से
हसीन
तेरी हंसी है
चाँद सी चंचल
शाम सी कोमल
और रगों में दौड़ती लहू सा
तेज़ है तेरी रूह में
तू है तो
मेरी सुस्त जिंदगी
खिलखिलाती है
तू है तो
संगीत है, मोहब्बत है
वफ़ा भी तुझी से
इश्क भी तू है
रहे इसी तरह
तू मुझमे सदा
जिंदगी में मेरी
हंसती, खेलती, खिलखिलाती
तो शायद मैं जिंदा रहूँ
नहीं तो
जीवन कहाँ है इस देह में