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संकरी सी गली से लोगों के दिल तक पहुचने का रास्ता है ये...अपने आप के बारे में कहना सबसे मुश्किल काम होता है... ये आप सब पर छोडती हूँ...

Tuesday, 18 April 2017

किवाड़

तीन पोड़ियाँ
गुलमेख और फूली वाली वासर 
दादी माँ की चूड़ियों सी 
हैंडल 
बड़ी सी सांकल 

दो खिड़कियां 
एक बंद एक खुली 
गहने थे किवाड़ों के 

दो स्तम्भ 
दो आले 
दो चराग 
पहरेदार थे 
कान्हा, मोर, गाय 
दूर से ही राह देखते 
कल एक तोरण लगा 
और ये द्वार बंद है 
उस फंखुरी के लिए 
जो रोज़ सुबह 
भार झाड़ कर 
साफ़ करती द्वार 
गली से गुज़रते 
हर शख्स, गाड़ी 
कुत्ते,बिल्ली के लिए 
स्वागत में