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संकरी सी गली से लोगों के दिल तक पहुचने का रास्ता है ये...अपने आप के बारे में कहना सबसे मुश्किल काम होता है... ये आप सब पर छोडती हूँ...

Tuesday, 18 April 2017

तमाम ख़्वाबों की आँखें 
अधूरे फ़साने के आख़िरी गीत को 
तुम्हारी आँखों से सुनना चाहेंगी 
दर्द फर्सुदा रातों के ज़र्द चेहरे 
तुम्हारी परछाइयों में पनाह ढूंढेगें
रौशनी सारी दफन
किसी कांच की मोटी दीवार में रहेगी
उम्मीदों के जनाज़े रोज उठेंगे
चीख़ों के हल्क से जबानें खींच ली जाएगी
आहों के कद काटवा दिये जाएंगे
तुम्हें पुकारुंगी भी तो कैसे
मगर ताउम्र ये नज़रें तुम्हे ढूंढेंगी