टिमटिमाती ये रौशनी
डबडबाती आँखें
टप टप गले से टपकता दर्द
गड गड गरजते बादल
सर सर सरकती ज़हरीली हवा
घिसटता दिल मेरा
और बेबस से तुम
किसी बेवा सा वो लाल किला
गुनाहगार सा चांदनी चौक
उनकी मैयत में शरीक हम
हसीं लम्हों की ये मैयत
जो हम मनाते हैं
न तुम मुस्कुराओ न मैं
दोनों को खुशगवारियत
पसंद कहाँ आती है
डबडबाती आँखें
टप टप गले से टपकता दर्द
गड गड गरजते बादल
सर सर सरकती ज़हरीली हवा
घिसटता दिल मेरा
और बेबस से तुम
किसी बेवा सा वो लाल किला
गुनाहगार सा चांदनी चौक
उनकी मैयत में शरीक हम
हसीं लम्हों की ये मैयत
जो हम मनाते हैं
न तुम मुस्कुराओ न मैं
दोनों को खुशगवारियत
पसंद कहाँ आती है