नीदें .........
नींदे लालची बनिए सी
डायरी के पन्नों पे अटकी है
तुझपे लिखी नज़्में
तेरी बातें
तन्हा रातें
तेरी आँखें
ख़मोश सांसें
अजनबी लकीरें
ख्वाबी मुलाक़तें
फुसफुसाती तस्वीरें
उंगलियों के लम्स
छुअन,कंपन
आलीगंन, सिरहन
जकड़न,संकुचन
प्रेम ,जोग
राग,वैराग्य
सबका हिसाब करती रहती है
रात भर .....
जोड़ घटा गुणा
सब पैंतरे आजमाएगी आज भी
नींदे लालची बनिये सी हो चली है अब तो
डायरी के पन्नों पे अटकी है
तुझपे लिखी नज़्में
तेरी बातें
तन्हा रातें
तेरी आँखें
ख़मोश सांसें
अजनबी लकीरें
ख्वाबी मुलाक़तें
फुसफुसाती तस्वीरें
उंगलियों के लम्स
छुअन,कंपन
आलीगंन, सिरहन
जकड़न,संकुचन
प्रेम ,जोग
राग,वैराग्य
सबका हिसाब करती रहती है
रात भर .....
जोड़ घटा गुणा
सब पैंतरे आजमाएगी आज भी
नींदे लालची बनिये सी हो चली है अब तो