इश्क ..........
रात भर जागना
यूं ही ..
बार बार तेरी बोलती सी
मुस्कराती तस्वीरों से
बेबाक सी नज़र को
चुरा लेने को जी चाहता है
तेरा चुप रहना चुभता है
फिर एक तस्वीर और खोलती हूँ
कुछ कहते कहते
सांसे भर आती है
कल तो
आँख ने भी कुछ गीलापन
महसूस किया
सोचा
नाराज हो जाऊ
फिर ...
वो ही नज़र
इकतरफ़ा
क्या
इश्क़...
धत.....
पागल
रात भर जागना
यूं ही ..
बार बार तेरी बोलती सी
मुस्कराती तस्वीरों से
बेबाक सी नज़र को
चुरा लेने को जी चाहता है
तेरा चुप रहना चुभता है
फिर एक तस्वीर और खोलती हूँ
कुछ कहते कहते
सांसे भर आती है
कल तो
आँख ने भी कुछ गीलापन
महसूस किया
सोचा
नाराज हो जाऊ
फिर ...
वो ही नज़र
इकतरफ़ा
क्या
इश्क़...
धत.....
पागल